Meaning and Concept of in vitro culture and micro – propagation
कृत्रिम संवर्धन व सूक्ष्म प्रवर्धन का अर्थ व संकल्पना (Meaning and Concept of in vitro culture and micro – propagation):-
कृत्रिम संवर्धन (In vitro culture):-
1. परिचय (Introduction):-
· पादप कोशिकाएं उपयुक्त संवर्धन माध्यम में अनिश्चित काल तक विभाजित होती हैं और सम्पूर्ण पादप को उत्पन्न करती हैं।
(Plant cells divide indefinitely in appropriate culture medium and regenerate into whole plant.)
· ऊतक संवर्धन निर्जमित परिस्थितियों में उपयुक्त पोषक माध्यम पर जीवित पादप कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों के विकसित करने की प्रक्रिया है।
(Tissue culture refers to the growing of living plant cells, tissues or organs on suitable nutrient medium in sterilized conditions.)
· कृत्रिम संवर्धन में, पौधे के स्वस्थ और तरुण भाग से कर्तोतक को लेकर सम्पूर्ण पादप का निर्माण किया जाता है।
(For in vitro culture, explants from healthy and young part of the plant is used to regenerate the whole plant.)
2. महत्वपूर्ण अभिलक्षण (Important Features):-
· कृत्रिम संवर्धन कार्यों को टेस्ट ट्यूब, पेट्री डिश या फ्लास्क में किया जाता है। इसका मतलब जीवित जीव के बाहर किया जाता है। इसलिए कृत्रिम तकनीकों को पादप ऊतक संवर्धन तकनीक के रूप में भी जाना जाता है।
(The in vitro works are carried out in a test tube, petri dish or flask. It means outside the living organism. Hence in vitro techniques are also referred to as plant tissue culture techniques.)
· ऊतक संवर्धन का कार्य केवल पौधों तक ही सीमित है।
(Tissue culture work is confined to plants.)
· ऊतकों को उपयुक्त पोषक माध्यम में उगाया जाता है।
(The tissues are grown in suitable nutrient medium.)
· ऊतकों को जनक जीव से लेकर बाहर संवर्धित किया जाता है।
(Tissues are grown outside the parent organism from which tissues have been taken.)
3. महत्वपूर्ण शब्द (Important terms):-
· विभेदन (Differentiation): - इसे एक प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसके द्वारा विभज्योतक कोशिकाएं दो या दो से अधिक प्रकार की कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों में परिवर्तित हो जाती हैं जो एक दूसरे से भिन्न होती हैं।
(It is defined as the process by which meristematic cells are converted into two or more types of cells, tissues or organs which are different from each other.)
· विविभेदन (De – differentiation): - इस शब्द का उपयोग स्वस्थ संगठित ऊतकों से असंगठित ऊतकों के निर्माण की प्रक्रिया को निरूपित करने के लिए किया जाता है।
(This term is used to denote the process of formation of unorganized tissues from the healthy organized tissues.)
· पुनर्विभेदन (Re – differentiation): - विविभेदित कोशिकाएं विभाजन की क्षमता खो देती हैं और विशिष्ट कार्य करने के लिए परिपक्व हो जाती हैं। इस तरह के ऊतक को पुनर्विभेदित कहते हैं और इस प्रक्रिया को पुनर्विभेदन के रूप में जाना जाता है।
(The de – differentiated cells lose the capacity of division and becomes mature to perform specific functions. Such a tissue is said to be re – differentiated and the process is known as re – differentiation.)
· पुनरुद्धभवन (Regeneration): - प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष (कैलस निर्माण द्वारा) रूप से संवर्धित कर्तोतकों से सम्पूर्ण पादप का विकास पुनरुद्धभवन कहलाता है।
(Development of an entire plant from cultured explants directly or indirectly (via callus formation) is called regeneration.)
· अंगजनन (Organogenesis): - कोशिकाओं से अपस्थानिक जड़ों या प्ररोहों के निर्माण को अंगजनन कहा जाता है।
(Formation of adventitious roots or shoots from cells is called as organogenesis.)
· पूर्णशक्तता (Totipotency): - पादप कोशिका के पुनरुद्धभवन द्वारा सम्पूर्ण पादप के विकास की क्षमता को पूर्णशक्तता कहते हैं।
(The phenomenon of regeneration of plant cell to develop into whole plant.)
· भ्रूणजनन (Embryogenesis): - यह एक एकल भ्रूणजन्य कोशिका से प्रारम्भ होता है, जो एक युग्मनज (निषेचन के दौरान एक अंडे और एक शुक्राणु के संलयन का उत्पाद), या एक अविभेदित कैलस कोशिका हो सकता है। युग्मनज से विकसित होने वाले भ्रूण को युग्मनजीय भ्रूण कहा जाता है, जबकि कायिक कोशिकाओं से विकसित होने वाले भ्रूण को कायिक भ्रूण कहा जाता है।
[It starts from a single embryogenic cell, that can be a zygote (the product of the fusion of an egg and a sperm during fertilization), or an undifferentiated callus cell. Embryos developing from zygotes are called zygotic embryos, while those derived from somatic cells are called somatic embryos.]
4. महत्वपूर्ण चरण (Important steps):-
a. ऊतकों का पृथक्करण (Isolation of tissues):- पुनरुद्धभवन के ऊतकों को निर्जमित ब्लेड की सहायता से पौधे के किसी भी भाग जैसे पत्ती, तना, कली आदि से पृथक किया जा सकता है। पृथक ऊतकों को निर्जमित किया जाता है और फिर संवर्धन माध्यम पर संवर्धित किया जाता है। ऊतक को पौधे के रोग मुक्त भाग से ही पृथक किया जाना चाहिए।
(Tissues for regeneration can be isolated with the help of sterilized blade from any plant part as leaf, stem, bud etc. The isolated tissues are sterilized and then grow on culture medium. Tissue should be isolated from disease free portion.)
b. पुनरुद्धभवन व कैलस निर्माण (Regeneration and callus formation):- ऊतक संवर्धन माध्यम पर प्रवर्धित होते हैं और कैलस नामक कोशिकाओं के समूह का निर्माण करते हैं।
(Tissues proliferate on the culture medium and give rise to a mass of cells called callus.)
c. भ्रूणजनन (Embryogenesis):- कैलस से कायिक भ्रूण के निर्माण की प्रक्रिया को भ्रूणजनन कहा जाता है। कभी-कभी कायिक भ्रूण नहीं बनते हैं, इसके बजाय कायिक कलिकाएँ बनती हैं जो अंकुरित होकर पौधे में विकसित हो जाती हैं।
(The process of development of somatic embryos from the callus is called embryogenesis. Sometimes somatic embryos are not formed, instead somatic buds are formed which germinates and give rise to plant.)
d. अंगजनन (Organogenesis):- कायिक भ्रूण से प्ररोह या जड़ों के विभेदन की प्रक्रिया को अंगजनन कहा जाता है। कभी-कभी कायिक कलिका से सीधे एक सम्पूर्ण पौधा विकसित होता है। कुछ समय बाद इस प्रकार प्राप्त पौधों को संवर्धन माध्यम से पॉट माध्यम में स्थानांतरित किया जाता है।
(The process of differentiation of shoots or roots from the somatic embryos is called organogenesis. Sometimes a complete plant develops directly from the somatic bud. After sometime the plants thus obtained are transferred to pot culture from culture medium.)
सूक्ष्म प्रवर्धन (Micro – propagation):-
· पौधों को लैंगिक रूप से बीजों के अंकुरण द्वारा या अलैंगिक रूप से कायिक भागों के गुणन द्वारा प्रवर्धित किया जा सकता है।
(Plants can be propagated by sexual mean through germination of seeds or by asexual mean through multiplication of vegetative parts.)
· क्लोनीय प्रवर्धन (Clonal Propagation):- यह एकल पौधों की आनुवंशिक रूप से एक समान प्रतियों के गुणन द्वारा अलैंगिक प्रजनन की प्रक्रिया को प्रदर्शित करता है। यहाँ क्लोन शब्द का उपयोग अलैंगिक जनन द्वारा एक एकल पौधे से प्राप्त पादप समष्टि को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।
(It refers to the process of asexual reproduction by multiplication of genetically identical copies of individual plants. Here the term clone is used to represent a plant population derived from a single individual plant by asexual reproduction.)
· ऊतक संवर्धन के माध्यम से कृत्रिम प्रवर्धन की प्रक्रिया को सूक्ष्म प्रवर्धन के रूप में जाना जाता है।
(In vitro propagation through tissue culture is referred to as micro – propagation.)
· सूक्ष्म प्रवर्धन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक पादप सामग्री तेजी से गुणन करती है ताकि आधुनिक पादप ऊतक संवर्धन तकनीकों के उपयोग द्वारा पादप संततियों की एक बड़ी समष्टि उत्पन्न की जा सके।
(Micro – propagation is the practice of rapidly multiplying stock plant material to produce a large number of progeny plants, using modern plant tissue culture methods.)
· सूक्ष्म प्रवर्धन का उपयोग विशिष्ट पौधों जैसे कि आनुवंशिक रूप से संशोधित या पारंपरिक पादप प्रजनन विधियों द्वारा विकसित किया गया है। इसका उपयोग स्टॉक पादप से रोपण के लिए पर्याप्त संख्या में पौधे प्रदान करने के लिए किया जाता है जो बीज का उत्पादन नहीं करता है, या कायिक जनन अच्छी तरह से नहीं कर पाता है।
(Micro – propagation is used to multiply noble plants such as those that have been genetically modified or bred through conventional plant breeding methods. It is also used to provide a sufficient number of plantlets for planting from a stock plant which does not produce seeds, or does not respond well to vegetative reproduction.)
· दृष्टिकोण (Approaches):-
i. कक्षस्थ कलिकायों / शीर्षस्थ प्ररोहों द्वारा गुणन
(Multiplication by axillary buds / apical shoots)
ii. अपस्थानिक प्ररोहों द्वारा गुणन
(Multiplication by adventitious shoots)
iii. Organogenesis (अंगजनन)
iv. Somatic embryogenesis (कायिक भ्रूणजनन)
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